|| हरि ૐ तत्सत ||

सिद्धयोगी श्री विशाल भाई पंड्या

श्री विशाल भाई पंड्या कुंडलिनी शक्तिपात के प्रणेता हैं।

गुरुजी विशालभाई एक सिद्धयोगी हैं। बचपन से ही उनका अभ्यास गुजरात के गांधीनगर में सिद्धयोगी श्री विभाकर पंड्याकी नींवमें आध्यात्मिक रीति से हुआ है । उनकी योग साधना बहुत ही कम उम्र में शुरू हो गई थी, यूं कहो कि जन्म से ही। उनकी कुंडलिनी शक्ति जन्म से ही जागृत थी।

मार्केटिंग में एम.बी.ए. खत्म करने के बाद, उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रोफेसरके रूपमे काम किया था. उस पश्चात उन्होंने गुजरात राज्य के भरूच जिले के देरोली में ” श्री सिद्धयोगाश्रम ” की स्थापना की थी. वर्तमान में यह आश्रम आपके कुशल मार्गदर्शन में विभिन्न रचनात्मक आध्यात्मिक अभियान लगातार जारी रखता है। आश्रम लोगों को “आत्म-साक्षात्कार” की ओर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनता जाता है। आश्रम ने सारे वर्ष दौरान आध्यात्मिकता के विज्ञान को समझने के लिए विभिन्न ध्यान और योग संबंधी शिविरों का प्रयोजन किया जाता है। योग के विभिन्न अभ्यासों के साथ-साथ तनाव, मधुमेह, अस्थमा, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल, आदि जैसी बीमारियों से भी राहत मिले ऐसा मार्गदर्शन भी साधकगण प्राप्त करते है.

योग में कई विधियां हैं जो तनाव को दूर करने का दावा करती हैं, लेकिन कुंडलिनी ध्यान योग इन सभीमें मुख्य है. इस प्रणाली का सही ज्ञान बहुत कम दुरुओ के पास है. विशाल भाई कुंडलिनी शक्ति के गुरु के रूप साधककी कुंडलिनी शक्ति को सहज रूप से सक्रीय करते हैं। एक बार जब कुंडलिनी सक्रिय हो जाती है, तो यह साधक की चेतनाका सहज के उत्थान अपने आप करती है। यह सक्रिय शक्ति मन और शरीर के साथ-साथ आत्मा की शुद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चेतना के इस उत्थान के कारण, तीव्र बुद्धि, सहज निर्णय शक्ति और जागरूकता का स्तर स्वचालित रूप से साधकों में बढ़ जाता है। इसके अलावा, शक्ति की इस जागरूकता के माध्यम से, साधकों को आध्यात्मिक खोज में आवश्यक योग भी सहज प्राप्त होता हैं। शक्ति जागरणकी दीक्षा के इस माध्यम से, साधक सहज रूप से अस्वस्थता और चिंतासे मुक्त होकर आत्म-साक्षात्कार से प्रति आगे बढ़ता है।

वर्ष के विभिन्न समय दौरान श्री विशाल भाई विभिन्न योग शिविरों जैसे चक्र शुद्धिकरण, आसन – प्राणायाम और सोहम जैसे महत्वपूर्ण योगके विषय पर साधकोंका मार्गदर्शन भी करते हैं।

वर्तमान में श्री विशाल भाई टोरंटो, केनेडामें रहते हैं। केनेडा स्थित साधकों में भी आपने कुंडलिनी योग और ध्यान योग की शिक्षा का सहज प्रचार किया है. साथ ही साथ आप साप्ताहिक ऑनलाइन ध्यान सत्र भी आयोजित करते हैं। कई साधकों के साथ जुड़े होने के अलावा आप सभी साधको को ई-मेल, फोन या व्यक्तिगत डोर से साधना विषयक शंकाओका सहज निराकरण करते है. इसके अलावा आप अलग-अलग देशों में कुंडलिनी योग और ध्यान योग का प्रसार और प्रसार करने के लिए निःस्वार्थ परिभ्रमण यात्राके दौरे में भी सहज रूपसे शामिल होते है।

ध्यानके नियमित अभ्यास से मनुष्य साक्षी भाव में आसानी से स्थित हो जाता है। गुरुजी विशाल भाई इस बातका प्रत्यक्ष सहज उदाहरण हैं। जीवन में आप आध्यात्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ सांसारिक जिम्मेदारियों को भी आसानी से निभाते है।

प्रत्यक्ष रूपसे साधकोंकी शंकाओका निराकरण कर शेक ऐसे पात्रो से मुलाकात भी एक दुर्लभ बात है । श्री विशाल भाई एक ऐसे ही पात्र है है जो साधक की शंकाओंका सहजसे निराकरण लाने के लिए लगातार आतुर रहते है । विशाल भाई के साथ सत्संग का लाभ उठाने के लिए सभी साधकजनों को विशेष निमंत्रण है।

आओ … .. बैठो … .. अनुभव करो

|| हरि ૐ तत्सत ||