कुंडलिनी क्या है? और कैसे जागृत होती है?

 

हम कॉस्मिक एनर्जी से सम्पूर्ण भरे हुए ब्रह्मांड में रहते है, पानी में मछली की तरह रहते है, फिर भी प्यासे है, क्योंकि इस कॉस्मिक एनर्जी के साथ हमारा कनेक्शन नहीं होता है। कुंडलिनी शक्ति मानव शरीर में स्थित अदृश्य सुषुप्त शक्ति है, जो हमें कॉस्मिक एनर्जी के साथ कनेक्ट होने के लिए सहायक होती है। अगर यह शक्ति root chakra मूलाधार चक्र से crown chakra सहस्त्रधार चक्र तक पहुंच जाती है, तो फिर उस व्यक्ति की दिमागकी शक्ति बढ़ जाती है। अभी हम ब्रह्मांड की कॉस्मिक एनर्जी के साथ कनेक्ट नहीं हो पाते है, पर एक बार कुंडलिनी शक्ति सहस्त्रधार चक्र तक पहुंच जाती है, तो फिर हम ब्रह्मांड की कॉस्मिक एनर्जी के साथ कनेक्ट हो के रिचार्ज हो जाते है। अभी हम दिमाग की सिर्फ 1 या 2 प्रतिशत शक्तिका ही उपयोग करते है। अगर इससे ज्यादा दिमागकी शक्तिका उपयोग कर सके, तो हमारा जीवन काफी अच्छा हो सकता है।

 

कुंडलिनी शक्ति कोई इंसान के दिमागकी कल्पना नही है, पर कई योगियों द्वारा साधना की उच्च अवस्था में खोज की गई वैज्ञानिक शोध है। जो लोग ध्यान करते है, उनकी कुंडलिनी शक्ति कभी न कभी जागृत होती ही है। इसके बाद उनको कुंडलिनी के एक्सपर्ट सिद्ध गुरु की सहाय की जरूरत होती है।

 

कुंडलिनी जागृति तीन तरीके से होती है

  1. अपनी साधना से
  2. एकदम जीवन मे कोई बड़ा शॉकिंग बदलाव आने से
  3. सिद्ध गुरु द्वारा शक्तिपात की कृपा से